साइक्लोट्रॉन किसे कहते है। , सिद्धान्त, चित्र, उपयोग, सीमाएं
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साइक्लोट्रॉन - आवेशित कुणों को उच्च ऊर्जा प्रदान करने के लिए लॉरेन्ज नामक वैज्ञानिक द्वारा बनाई गयी मशीनगन को साइक्लोट्रॉन कहते है ।
सिद्धान्त - इसका कार्य सिद्धान्त विद्युत तथा चुम्बकीय क्षेत्र में आवेशित का की गति पर आधारित है।
चित्र -
साइक्लोट्रॉन का उपयोग -
1. साइक्लोट्रॉन का उपयोग धन आवेशित कणों को अति उच्च ऊर्जाओं तक त्वरित करने में क्या जाता है।
2. साइक्लोट्रॉन के द्वारा अनाआवेशित कण जैसे- न्यूट्रॉन तथा धन आवेशित कण जैसे- इलेक्ट्रॉन को त्वरित नहीं किया जा सकता है।
साइक्लोट्रॉन की सीमाएं -
1. साइक्लोट्रॉन द्वारा इलेक्ट्रॉन को त्वरित नहीं किया जा सकता है क्योंकि इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान बहुत कम होता है और वेग अत्यधिक शीघ्र हो जाता है।
2. साइक्लोट्रॉन द्वारा आवेशहीन कण जैसे न्यूट्रॉन, को भी त्वरित नहीं किया जा सकता है।
3. साइक्लोट्रॉन द्वारा किसी आवेशित कण को इतने
अधिक वेग से भी त्वरित नहीं किया जा सकता है कि इस कण का वेग प्रकाश के वेग के बराबर जाए।
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Nice post
जवाब देंहटाएंThank you so much 🙏 by Shafhimo