सेल के आन्तरिक प्रतिरोध किसे कहते है, निर्भर, व्यंजक - नमस्कार दोस्तो! स्वागत है आपका RDN Notes ब्लॉग में। तो आज के इस आर्टिकल में हम बात करने वाले है “आंतरिक प्रतिरोध किसे कहते हैं ” के बारे में। and निर्भर, व्यंजक and बने रहिये इस Article में और जानिए पूरे Details में।
आन्तरिक प्रतिरोध (Internal Resistance)
सेल के आन्दर, दोनो इलेक्ट्रोड मे मध्य, उपस्थित विद्युत अपघट्य, धारा के प्रभाव मे जो रुकावट उत्पन्न करता है, इसे सेल का आन्तरिक प्रतिरोध कहते है। इसे r से प्रदर्शित करते हैं। सेल का आंतरिक प्रतिरोध का मात्रक भी ओम होता है।
किसी सेल का आन्तरिक प्रतिरोध निम्न कारको पर निर्भर करता है।
- दोनो इलेक्ट्रोडो की बीच की दूरी पर ➾ इलेक्ट्रोडो के बीच की दूरी बढ़ाने पर सेल आन्तरिक प्रतिरोध बढ़ जाता है।
- विद्युत अपघटय में इलेक्ट्रोडो के डूबे भाग के क्षेत्रफल पर ➾ इलेक्ट्रोड का क्षेत्र बढ़ाने पर आन्तरिक प्रतिरोध का कम हो जाता है।
- सान्द्रता ➾ विद्युत अपघटय की सान्द्रता बढ़ाने पर आन्तरिक प्रतिरोध का मान बढ़ जाता है।
- ताप ➾ ताप बढ़ाने पर आन्तरिक प्रतिरोध का मान कम हो जाता है।
सेल के आन्तरीक प्रतिरोध के लिए व्यंजक
समी. (1) व (2) से,
V/R = E/r+R
➾ Vr + VR = ER
➾ Vr = ER - VR
➾ r = ER/V - VR/V
➾ r = R(E/V - 1)
यही सेल के आन्तरीक प्रतिरोध के लिए व्यंजक है।
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Thank you so much 🙏 by Shafhimo